Saturday, August 28, 2010
मैं यही हूँ....
मुझे फूल चली तस्वीर में मत ढूँढना
न ये सोचना की मैं तुम्हारे पास नही
अगर आँगन में कोई चिड़िया ज्यादा ही चहके
जब बगीचे में हमारे नया फूल महके
जब कोई जुगनू झाके खिड़की से अँधेरी रात में
समझ जाना कि वो मैं हूँ .....
जब तेज़ हवा का झोका खिडकियों को खोले
जब पत्तो कि सरसराहट तुमसे कुछ बोले
जब बारिश कि बुँदे कोशिश करे तुम्हे छूने कि
समझ जाना कि वो मैं हूँ .....
जब अजनबी कोई तुम्हे देख कर मुस्काए
जब तेज़ धुप में बदल कोई सूरज पर छा जाए
जब बाद जाए धड़कने किसी के बारे में सोचकर
समझ जाना कि वो मैं हूँ .....
मत ढूँढना मुझे घर के खली कमरों में
मत ढूँढना मुझे हमारे अधूरे ख्वाबो में
जब भी आँखे बंद करो और नन्ही सी कोई बूंद गिरे
समझ जाना कि वो मैं हूँ .....
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मत ढूँढना मुझे हमारे अधूरे ख्वाबो में
ReplyDeletebahut hi sunder hai
AWESOME !!!!! u gave me goose pimples through this one.
ReplyDeleteVery nice.... :)
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