हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे
हाँ ! चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे
जो रात होगी तो जमी से चाँदी बटोर लेंगे
चाँदी की फिर पायल बना लम्हों से बांध देंगे
पायल बजी जो हम हँसी की थाप दे देंगे
हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे
आँखों के पहरेदार बन नींदों में झाकेंगे
सपनो को फिर चुन चुन के हम पलकों पे टाकेंगे
सपनो के उस धागे से हम फलक को नाप देंगे
हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे
हम वक़्त के कंधे पे बैठ मेला ये घूम लेंगे
और जिद पकड़ मनभर के फिर तोहफे भी मांग लेंगे
यादो को फिर तारे बना अम्बर सजा देंगे
हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे
बचपन का कम्बल ओढ़ हम अन्दर दुबक लेंगे
कोई जो झाके तो उसे बाहर धकेंल देंगे
अपने ही मन को जीत फिर दुनिया हरा लेंगे
हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे
by : श्वेता गुप्ता
shwta ji
ReplyDeletebehtreen panktiyan...
bahut khub...