
कोई अपना हो ऐसा मुकद्दर नही है
हम बंजारे है हमारा घर नही है
डूब कर ही हम टिक पाएंगे कही पे
इसलिए तुफा का कोई डर नही है
उम्मीद करू न करू एक मुस्कराहट की कभी
वैसे लोग तो कहते है जिंदगी इतनी बंजर नही है
यूद्ध भूमि में खड़ी होकर सोचती हु
युद्ध जितना अन्दर है उतना बाहर नही है
कभी कभी आ ही जाते है आँखों में आँसू
खुद से खुद को छुपा लू इतने हम माहिर नही है
life is agolden gifts enjoy it.
ReplyDeleteBrilliant work, how do you right all this?
ReplyDeletefighting some battle within gurl??? ;)
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